मोबाइल नशा मुक्ति के लिए उप्र सरकार ने निकाली युक्ति
मुरादाबाद ! एक छोटे से मोबाइल में जिंदगी की सभी जरूरतें जैसे बंद हो गई हैं। मोबाइल अगर कुछ देर के लिए हाथ से छीन लिया जाए,तो लगता है जैसे सब कुछ छिन गया लेकिन, यही मोबाइल अब लोगों की जिंदगी छीन रहा है। इसे लेकर प्रदेश की सरकार बहुत गंभीर है। इसीलिए सरकार ने मोबाइल नशा मुक्ति अभियान चलाने की पहल की है।
इसको चलाने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई हैं। सरकार का मानना है कि मोबाइल के उपयोग के चलते लोग बीमार हो रहे हैं। खासकर युवा वर्ग को इसकी लत छोड़ने की जरूरत है। परीक्षा में कम नंबर आने के पीछे भी सरकार मोबाइल को ही सबसे बड़ा कारण मान रही है। वहीं इन सभी बातों से आगे जाकर सरकार का कहना है कि प्रदेश में खुदकशी के उकसावे के लिए भी मोबाइल जिम्मेदार है। यह सभी बातें शासन की ओर से अधिकारियों को जारी किए गए पत्र में लिखी हैं।
जिला अस्पतालों में खुलेंगे काउंसिलिंग कक्ष : स्वास्थ्य विभाग की निदेशक मधु सक्सेना ने सूबे के सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को पत्र भेजकर सरकारी अस्पतालों में काउंसिलिंग कक्ष खोलने के साथ ही मोबाइल नशा मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट शब्दों में आदेश दिया है कि अस्पताल में सभी ऐसी दवाएं भी रखी जाएं, जिनकी इस मनोरोग के उपचार में जरूरत पड़ती है।
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