तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाकर रहेंगे
नई दिल्ली ! न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया। इसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की संरक्षा करने और उनके पतियों द्वारा तीन बार तलाक बोलकर विवाह तोड़ने को निषेध करने का प्रावधान किया गया है।
बहस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक पर रोक लगाने संबंधी विधेयक सियासत, धर्म, सम्प्रदाय का प्रश्न नहीं है बल्कि यह नारी के सम्मान और नारी-न्याय का सवाल है। हिन्दुस्तान की बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा संबंधी इस पहल का सभी को समर्थन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी और कानून लाने के बाद मुझे लगा था कि ये रुक जाएगा। ये महिला की गरिमा और सम्मान का मामला है। तीन तलाक मामलों में महिलाओं को न्याय दिलाकर रहेंगे।आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने विधेयक पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश किए जाने का विरोध करते हुए इस संबंध में सरकार द्वारा फरवरी में लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सांविधिक संकल्प पेश किया। संकल्प पेश करने वालों में अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, प्रो. सौगत राय, पी के कुन्हालीकुट्टी और असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।
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