स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है करौंदा
करौंदा जंगलों, खेत खलियानों के आस-पास कंटीली झाड़ियों के रूप में करौंदा प्रचुरता से उगता हुआ पाया जाता है, हालांकि करौंदा के पेड़ पहाड़ी भागों में अधिक पाए जाते है। इसके पेड़ कांटेदार और 6 से 7 फुट ऊंचे होते हैं। करौंदे के फलों में लौह तत्व और विटामिन सी प्रचुरता से पाए जाते है। आम घरों में करौंदा सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अ़चार के लिए प्रचलित है। करौंदे का वानस्पतिक नाम कैरिस्सा कंजेस्टा है। पातालकोट में आदिवासी करौंदा की जड़ों को पानी के साथ कुचलकर बुखार होने पर शरीर पर लेपित करते है और गर्मियों में लू लगने और दस्त या डायरिया होने पर इसके फलों का जूस तैयार कर पिलाया जाता है, तुरंत आराम मिलता है। फलों के चूर्ण के सेवन से पेट दर्द में आराम मिलता है।
करोंदा भूख को बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है, प्यास रोकता है और दस्त को बंद करता है। सूखी खांसी होने पर करौंदा की पत्तियों के रस सेवन लाभकारी होता है। खट्टी डकार और अम्ल पित्त की शिकायत होने पर करौंदे के फलों का चूर्ण काफी फ़ायदा करता है, आदिवासियों के अनुसार यह चूर्ण भूख को बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है। करौंदा के फल खाने से मसूढ़ों से खून निकलना ठीक होता है, दांत भी मजबूत होते हैं। फलों से सेवन रक्त अल्पता में भी फ़ायदा मिलता है।
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