मंगलवार, 30 जुलाई 2019

सोनभद्र में नक्सलवाद बढ़ने की चिंता

सोनभद्र में समाप्त हो चुके नक्सलवाद के, पुनः उभरने पर बढ़ रही चिंता
सोनभद्र ! घोरावल के उभ्भा गांव में भूमि कब्जा करने के दौरान 10 आदिवासियों की हत्या ने कई सवाल छोड़ दिया है। गोलियों की बौछार कर निहत्थे ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने की घटना से जनपद में नक्सलवाद के बीज के अंकुरित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। देखा जाए तो जिले में पूर्व में हुई घटनाओं में नक्सलियों की संलिप्तता व सक्रियता के साथ ही उनके घुसपैठ व चहलकदमी की पुष्टि पुलिस जांच में हो चुकी है। जिले व बिहार के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी व चहलकदमी ने सरकार व प्रशासन का रक्तचाप बढ़ा दिया है। उभ्भा में 10 आदिवासियों की हत्या से नक्सलवाद पनपने की आशंका पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी सतर्क हो गया है। इसकी मुख्य वजह भूमि का बिहार से तार जुड़ना व हमलावरों में बिहार व झारखंड के तमाम लोगों का शामिल होना है। जानकारों का कहना है कि शासन-प्रशासन नहीं संभला तो जनपद नक्सलवाद की आग से झुलसने लगेगा। नगर पंचायत चोपन के चेयरमैन इम्तियाज अहमद की 25 अक्टूबर 2018 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने घटना स्थल से 9 एमएम कार्बाइन व कारतूस के साथ झारखंड राज्य के पलामू (जपला हुसैनाबाद) कोतवाली के पोलडीह निवासी काश्मिर कुमार राकेट को गिरफ्तार किया था। विवेचना के दौरान काश्मिरा के बारे में चौकाने वाला खुलासा हुआ था। झारखंड की पुलिस से रिपोर्ट मिली थी कि काश्मिर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जन मुक्ति परिषद झारखंड का एरिया कमांडर है। इसके बाद चेयरमैन के परिजनों ने एनआईए से मामले की जांच कराए जाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने यह जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी, जबकि नियम यह है कि किसी घटना में नक्सलियों के संलिप्तता होती है तो उस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाती है। चोपन थाना क्षेत्र के ही हरिहारी गांव में चार माह पूर्व झारखंड के एक नक्सली के ससुराल में कई माह से पनाह लेने की जानकारी पुलिस को हुई। हालांकि पुलिस को सूचना होने की भनक जैसे ही नक्सली को हुई वह फरार हो गया। पुलिस की जांच में नक्सली की एक महिला मित्र का पता चला। पुलिस ने उसे डाला से गिरफ्तार किया कर उसकी निशानदेही से चोपन से लगे जंगल से एक बंदूक बरामद किया था। इसके अलावा तीन माह पूर्व जिले से लगे बिहार राज्य की सीमा पर 15 से 20 हथियारबंद नक्सलियों के चहलकमदी की सूचना मिलने पर पुलिस ने कांबिंग की थी। जंगल व पहाड़ों को कई दिनों को खंगालने के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया था। जिले में समय-समय पर होने वाली इन घटनाओं में नक्सलियों की संलिप्तता व चहलकमी से लोग खौफजदा होते जा रहे हैं।


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