भगवान शिवकी प्रसन्नता के लिए पूजा में कुछ विशेष पूजा सामग्री को चढ़ाने का महत्व है। इनमें बेलपत्र, सफेद फूल के साथ धतूरा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। बेलपत्र की तरह धतूरा भी शिव को प्रिय बताया गया है। हालांकि धतूराजहरीला फल होता है। लेकिन सनातन धर्म से जुड़ा हर जन यह जानता है कि शिव ने समुद्र मंथन से निकले गरल यानी जहर को पीकर ही जगत की रक्षा की।
शिव ने विषपान कर ही जगत को परोपकार, उदारता और सहनशीलता का संदेश दिया। शिव पूजा में धतूरे जैसा जहरीला फल चढ़ाने के पीछे भी भाव यही है कि व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में कटु व्यवहार और वाणी से बचें। स्वार्थ की भावना न रखकर दूसरों के हित का भाव रखें। तभी अपने साथ दूसरों का जीवन सुखी हो सकता है।
शिव को धतूरा प्यारा होने की बात में भी संदेश यही है कि शिवालय में जाकर शिवलिंग पर धतूराचढ़ाकर मन और विचारों की कड़वाहट निकालने और मिठास को अपनाने का संकल्प लें। ऐसा करना ही शिव की प्रसन्नता के लिए सच्ची पूजा होगी क्योंकि शिव शब्द के साथ सुख, कल्याण व अपनत्व भाव ही जुड़े हैं।
शनिवार, 27 जुलाई 2019
शिवप्रिय धतूरा (आस्था)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी
फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
उपचुनाव: 9 विधानसभा सीटों पर मतगणना जारी संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतगणना जारी है। यूपी कीे क...
-
80 वर्षीय बुजुर्ग ने 34 साल की महिला से मैरिज की मनोज सिंह ठाकुर आगर मालवा। अजब मध्य प्रदेश में एक बार फिर से गजब हो गया है। आगर मालवा जिले...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.