शनिवार, 27 जुलाई 2019

शिवप्रिय धतूरा (आस्‍था)


भगवान शिवकी प्रसन्नता के लिए पूजा में कुछ विशेष पूजा सामग्री को चढ़ाने का महत्व है। इनमें बेलपत्र, सफेद फूल के साथ धतूरा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। बेलपत्र की तरह धतूरा भी शिव को प्रिय बताया गया है। हालांकि धतूराजहरीला फल होता है। लेकिन सनातन धर्म से जुड़ा हर जन यह जानता है कि शिव ने समुद्र मंथन से निकले गरल यानी जहर को पीकर ही जगत की रक्षा की।
शिव ने विषपान कर ही जगत को परोपकार, उदारता और सहनशीलता का संदेश दिया। शिव पूजा में धतूरे जैसा जहरीला फल चढ़ाने के पीछे भी भाव यही है कि व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में कटु व्यवहार और वाणी से बचें। स्वार्थ की भावना न रखकर दूसरों के हित का भाव रखें। तभी अपने साथ दूसरों का जीवन सुखी हो सकता है।
शिव को धतूरा प्यारा होने की बात में भी संदेश यही है कि शिवालय में जाकर शिवलिंग पर धतूराचढ़ाकर मन और विचारों की कड़वाहट निकालने और मिठास को अपनाने का संकल्प लें। ऐसा करना ही शिव की प्रसन्नता के लिए सच्ची पूजा होगी क्योंकि शिव शब्द के साथ सुख, कल्याण व अपनत्व भाव ही जुड़े हैं।


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