राष्ट्रहित में निर्णय
देश की अखंडता,प्रगाढ़ता और एकता को सुदृढ़ करने के लिए भाषा ही सर्वसाधारण सुगम मार्ग है ! राष्ट्र की भाषा मे राष्ट्र का विकास निहित होता है ! राष्ट्र को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए भाषा ही सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है! केंद्र की नवनिर्मित मोदी नेतृत्व वाली सरकार के द्वारा दूसरे कार्यकाल मे अब तक लिए गए फैसलों में, हिंदी भाषा के विकास को एजेंडा बनाकर सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रति सेवा और समर्पण के भाव को स्पष्ट किया है! एक राष्ट्र-एक भाषा पर समेकित दृष्टिकोण का प्रभावी पक्ष रखा है! भाषा पर कार्य विधि को सुचारू करने के लिए ,लिया गया निर्णय कोई साधारण निर्णय नहीं है ! राष्ट्रहित में निहित परम आवश्यक निर्णय है! विभिन्न सभ्यताओं और विभिन्न भाषाओं में स्थापित राष्ट्र की भाषा और लिपि का एकीकरण राष्ट्र के विकास को गति प्रदान करता है! देश के कई राज्य इसमें अवरोध डालने का प्रयास कर सकते हैं !किंतु इसे राज्य के सीमित दायरे में नहीं रखा जा सकता है! हिंदी को व्यवहारिकता में प्रतिस्थापित करना अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं के लिए आवश्यक है ! व्यवहार और व्यापार दोनों ही रास्तों को प्रशस्त करने में भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है! विदेशी भाषाओं पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा! हिंदी का वैश्विक स्तर पर मूल्यांकन होना आधुनिकता की आवश्यकता भी है !
भारतीय संविधान का विषय-संगत होना सरकार की चुनौतियों को कम करने जैसा है ! राज्य सरकारों को कोई भी अवरोध नहीं करना चाहिए ! किसी प्रकार का संयस भी नहीं रखना चाहिए !जब राष्ट्र के हित में निर्णय लिया जाना होता है! वहां प्रत्येक देशवासी राष्ट्र में निहित होना चाहिए ! विश्व की सबसे बड़ी वर्णमाला हिंदी भाषा सबसे सुंदर भाषा है ! भृगु ॠषि और ईश्वरचंद विद्यासागर रचित व्याकरण से सुशोभित है! प्राचीनतम भाषा संस्कृत के उद्गम से उत्पन्न हिंदी भाषा सर्वोपरि और वास्तविक रूप से सर्वव्यापी है! हिंदी भाषा को विश्वव्यापी बनाने के लिए प्रधानमंत्री के इस निर्णय की भूरि-भूरि प्रशंसा की जाती है ! अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को शीर्ष स्थान पर लेकर जाने की नींव रख दी गई है!
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'
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Thank you, for a message universal express.