शनिवार, 20 जुलाई 2019

प्राधिकरण-परिषद की योजनाओं में कारोबार अवैध

प्राधिकरणों के अवैध निर्माण को शासन से छूट


लखनऊ ! प्रदेश भर के प्राधिकरण और आवास विकास परिषद मकान में दुकान खोलने को अवैध निर्माण मानता है लेकिन, उसी को शासन रोजगार का बड़ा साधन मानकर गृहकर में छूट देकर प्रोत्साहित कर रहा है। इस दोहरी व्यवस्था से भवन मालिक परेशान हैं। टैक्स देकर भी तमाम लोगों के मकान-दुकान लगातार सीज हो रहे हैं।
भवन उपविधि के तहत प्राधिकरण और परिषद की योजनाओं में आवासीय भवन में कारोबार करना अवैध है। यहां तक की छोटी दुकान भी खोलने पर पाबंदी है। दूसरी ओर शासन इसको रोजगार का बड़ा साधन मानकर इस पर गृहकर में भारी छूट देने का एलान कर चुका है। अब लाखों कारोबारी पशोपेश में हैं कि वे किसको सही मानें। शासन की छूट को या प्राधिकरणों की कार्रवाई को। नगर योजना एवं विकास अधिनियम के तहत लैंड यूज के खिलाफ निर्माण या गतिविधि करना धारा '28 क' का उल्लंघन है। इसके तहत प्राधिकरण सीलिंग तक की कार्रवाई करते हैं।


लगातार होती कार्रवाई


प्राधिकरण ने पिछले सप्ताह गोमती नगर के विभवखंड में हरीश बाबू और अन्य मकान 4-194 में एक दुकान को सील किया गया था। इसके बाद पिछले दिनों शासन ने नगर निगम को आदेश किया कि मकानों में छोटी दुकानों के लिए गृहकर में छूट दें।


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