सुधीर जैन
जगदलपुर। प्रदेश के राज्य पक्षी के रूप में घोषित बोलने वाली पहाड़ी मैना की आबादी बढ़ाने की बीते वर्षों में कई कोशिशें की जा रही हैं और इसकी संख्या बढ़ाने पिछले चार वर्षों में ही 25 लाख रूपए शासन के कोश से खर्च किए गए लेकिन यहां पर बनाये गये वन विद्यालय परिसर में बने रेस्क्यू सेंटर में पहाड़ी मैना की संख्या में वृद्धि के बजाय हृास देखा गया। जानकारी के अनुसार पहले जहां चार मैना की देखभाल और आहार की व्यवस्था की गई थी, वहीं इसे जारी रखते हुए हर साल लाखों रुपये का खर्च किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इसी सिलसिले में पहाड़ी मैना के संरक्षण और संवर्धन को लेकर जहां वन विभाग ने एक अलग से योजना बना कर कार्य शुरू किया था, लेकिन इस योजना के सकारात्मक परिणाम सामने नहीं दिखे और अब यही खानापूर्ति के रूप में दिख रहा है।
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