झूठ का पुलिंदा है अधिशासी
अधिकारी
गाजियाबाद,लोनी!सिर से पांव तक भ्रष्टाचार की दलदल में फंसा हुआ कोई भी व्यक्ति, जनता के तिरस्कार का भागीदार बन जाता है! घर-परिवार,व्यवहार में जो भी व्यक्ति झूठ की बैसाखी के सहारे चलने लगता है! वह जनता का स्नेह और सानिध्य प्राप्त करने का अधिकारी भी नहीं रहता है,बल्कि जनता की सामान्य सहानुभूति भी उसके लिए दुर्लभ हो जाती है !सामाजिक परिवेश में इससे बड़ी आत्मग्लानि और क्या हो सकती है ? उपरोक्त कही गई सभी बातों से अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता का गहरा संबंध है! अधिशासी-अधिकारी भ्रष्ट अधिकारी है,जो केवल झूठ के सहारे जनता के विकास के साथ खिलवाड़ कर रही है ! उत्तर-प्रदेश की सबसे बड़ी नगर पालिका लोनी की राजनीति देश में जितनी शुमार है! उतनी ही राष्ट्रीय राजनीति के नजदीक भी है! नगर पालिका पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं! जिनकी जांच पड़ताल की जा रही है ! नगर का भ्रष्टाचार अब किसी से छिपा भी नहीं है! छूट-भैया और स्थानीय राजनेता भी इसमें खूब हाथ से एक रहे हैं! अधिशासी-अधिकारी को किसी राजनेता का संरक्षण भी प्राप्त है! इस बात से भी गुरेज नहीं किया जा सकता है ! जिसकी वजह से अधिशासी-अधिकारी की गतिविधियों पर पूर्ण विराम अंकित करना अभी भी दूर की कौड़ी है! लेकिन इसकी कोई परवाह नहीं है, कम से कम इस बात की संतुष्टि तो अवश्य ही है कि जनता के धन पर होने वाली खुली लूट पर लगाम कसी गई है !प्रकाशित समाचारों को प्रभावित करने के उद्देश्य से अधिशासी-अधिकारी के द्वारा यूनिवर्सल एक्सप्रेस समाचार पत्र के संपादक को विधिवक्ता के द्वारा लीगल नोटिस जारी किया गया है! जिसका प्रत्युत्तर आप सबके सम्मुख है! अब इस बात का फैसला तो न्यायालय में ही होगा कि वास्तविकता क्या है,और क्यों है?
हरिओम उपाध्याय
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