प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद रहेंगे चन्द्रयान-2 की लॉचिंग के समय।
नई दिल्ली ! 15 जुलाई को तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर जब श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान-2 की लॉचिंग होगी तब वैज्ञानिकों के साथ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रपति उन वैज्ञानिकों की हौंसला अफजाई करेंगे जो चन्द्रयान को चन्द्रमा पर उतार रहे हैं। संभवत: यह पहला अवसर होगा जब मध्य रात्रि के बाद कोई यान की लॉचिंग की जा रही है और उस समय देश के राष्ट्रपति मौजूद हैं। चन्द्रमा की सतह पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश होगा। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चन्द्रयान-2 की लॉचिंग बहुत महत्व रखती है। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर ही राष्ट्रपति समारोह में मौजूद रहेंगे। ऐतिहासिक क्षणों में उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए राष्ट्रपति कोविंद 13 जुलाई को ही मद्रास पहुंच गए हैं। 14 जुलाई को राष्ट्रपति ने तिरुपति के मंदिर में पूजा अर्चना भी की। इसमें कोई दो राय नहीं कि गत पांच वर्षों में अंतरक्षि के क्षेत्र में भारत ने अनेक उपलब्धियां हासिल की है। अब जब चन्द्रमा की सतह पर पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है तो यह उपलब्धि अपने आप में बहुत मायने रखती है। हालांकि इसका श्रेय भारतीय वैज्ञानिकों को है, लेकिन इसके पीछे सरकार की इच्छा शक्ति भी है। वैज्ञानिक तभी अपना काम प्रभावी ढंग से कर सकते है, जब सरकार का सहयोग मिले। सरकार के सहयोग की बदौलत ही वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एंटी मिसाइल का सफल परीक्षण भी कर लिया है। यानि अंतरिक्ष में हमारे जो उपग्रह हैं उन्हें अब कोई देश नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
चन्द्रयान-2 का महत्व इसलिए भी है कि इसे चन्द्रमा के साउथ पोल पर उतारा जाएगा। अब तक अमरीका, चीन और रूस ने चन्द्रमा पर जो यान उतारे हैं वे साउथ पोल से दूर हैं। माना जा रहा है कि साउथ पोल पर ही पानी मिलने की संभावना है। यदि चन्द्रमा पर पानी मिलता है तो फिर रिहायशी की संभावना भी तलाशी जाएगी। चन्द्रयान-2 को लेकर पूरे देश में उत्साह बना हुआ है। चैनलों पर रात के समय लाइव प्रसारण किया जाएगा। टीवी चैनलों ने लाइव प्रसारण के विशेष इंतजाम किए हैं।
एस.पी.मित्तल
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