फेसबुक ने मिलाया बाल दोस्तों को
प्रयागराज। दिल में जब एक दूजे से मिलने की आरजू हो तो अब निराश होने की जरूरत नहीं। पहले जो असम्भव था, आज की सोसल मीडिया ने उसे सम्भव कर दिखाया है।
कहा जाता है कि बचपन की दोस्ती बहुत साफ पाक एवं अनमोल होती है। दो वर्षों से साथ पढ़ रहे हाई स्कूल के दो सहपाठी अवधेश और नीति 1989 में अलग अलग कालेजों में चले गए थे और फिर एक दूसरे के बारे में कोई जानकारी नहीं रही। एक प्रयाग तो दूजा मेघालय में ।उन्होंने सोचा भी नहीं था कि एक दिन फिर वो एक दूसरे से जुड़ पाएँगे। फेसबुक पर घूमते हुए तीस साल बाद अवधेश ने नीति को देखा और झट से पहचान लिया। फिर मैसेज और सम्पर्क सूत्र ढूढ़ने की कवायद शुरु हुई। आज अन्तत: एक दूजे से आनलाइन मुलाकात हुई और तीस साल पहले ही तमाम खट्टी मीठी यादों के चलचित्र साझा हुए। दोनों ने सोसल मीडिया का आत्मीय आभार व्यक्त किया।
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