माध्यमिक विद्यालय रामबास में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजन
योगेंद्र द्विवेदी
अलवर,गोविंदगढ़ ! राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामबास प्रांगण में सुबह 7:00 बजे अंतराष्टीय योग दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अनुभवी योग प्रशिक्षकों ने लोगो को योग के बारे में जानकारी दी और अनेक प्रकार के योगासन कराए ।
विद्यालय प्रधानाचार्य श्रवण कुमार संत ने बताया की स्वस्थ जीवन जीने की कला को योग कहते हैं! योग के दो अर्थ होते हैं- जोड़ना और समाधि! योग में दोनों अर्थ समाहित हैं. जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते हैं समाधि तक पहुंचना मुमकिन नहीं! योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है! यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान उपकरण है! योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है ! योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है!
इसका मुख्य उद्देश्य विश्व योग दिवस पर लोगो में जागरूकता लाना भी है। ताकि लोग योग से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पा सकें। स्थानीय लोगो ने योग को सराहना की।इस मौके पर लगभग 25 अध्यापक एवं सरकारी कर्मचारियों, 40 विद्यार्थियों एवं 60 ग्रामीण लोगों ने योग किया ! विद्यालय के शारीरिक शिक्षक मोतीलाल ने योग के लाभों की जानकारी दी!अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लेकर विभिन्न योगा क्रियाओं का अभ्यास किया।और स्वस्थ रहने के लिए उनके महत्व के बारे में जाना।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए व उपस्थित होने के लिए सभी विभागों के अधिकारियो कर्मचारियों को विशेष रूप से पाबंद भी किया गया था।कार्यक्रम में शक्तिधर भारद्वाज, गिर्राज प्रसाद शर्मा, श्रीचंदव्यास, नवीन शुक्ला रमेशचंद गुर्जर, कांति प्रसाद शर्मा, ममता शर्मा, भागीरथ द्विवेदी आदि शामिल रहे।
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