लड़ने की अक्षमता नहीं रही राहुल गांधी में
सचिन विशोरिया (सहायक-संपादक)
नई दिल्ली ! राष्ट्रीय राजनीति में काफी बदलाव आ गया है !फिलहाल लोकसभा चुनाव में हार होने से कांग्रेश हाफ गई है! जवाब देह लोग मुंह छुपा रहे हैं ! जनता के आदेश को हृदय से स्वीकारने में काफी कष्ट हो रहा है ! राहुल गांधी हारने से काफी दुखी और चिंतित भी हैं ! लेकिन इसके विपरीत एक जिम्मेदारी भी आपके ऊपर हैं ! जिस प्रकार राहुल गांधी इस्तीफे का पक्ष कर रहे हैं! ठीक उसी प्रकार अपने विकारों पर अध्ययन क्यों नहीं करते हैं ? देश की जनता का एक बहुत बड़ा हिस्सा कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़ा है! उन लोगों एक मजबूत अध्यक्ष की जरूरत है! मोदी की लोकप्रियता से कांग्रेस का घबराना स्वभाविक है ! परंतु अपनी क्षमताओं को प्रबल रखना चाहिए!
राहुल के इस्तीफे से उनके साथियों, शुभचिंतकों और सहयोग में हताशा होगी ! राहुल के इस्तीफे से चिंतित उनके शुभचिंतक मनवीर तेवतिया किसान नेता अपने साथियों के साथ अनिश्चितकाल तक आमरण अनशन करने के लिए,तुगलक लेन स्थित उन्हीं के दरवाजे पर बैठ गए हैं ! राहुल गांधी के सामने कठोर चुनौतियां हैं! अब उन्हें बहुत संयम और विवेक से निर्णय करने होंगे! कांग्रेस की विचारधारा और विचारधारा से जुड़े लोगों को राहुल गांधी की आवश्यकता है! राहुल गांधी को उस आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए संघर्ष और परिश्रम करना होगा!
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