मंगलवार, 25 जून 2019

पत्रकारिता का सामाजिक उत्तरदायित्व (विवेचना)

 


पत्र-पत्रिकाओं में सदा से ही समाज को प्रभावित करने की क्षमता रही है समाज में जो हुआ जो होगा और जो हो रहा है यानी जिस परिवर्तन की जरूरत है! इन सब पर एक पत्रकार को नजर रखनी होती है ! आज समाज में पत्रकारिता का महत्व काफी बढ़ गया है ! इसलिए पत्रकारिता के सामाजिक उत्तरदायित्व भी बढ़ गए हैं ! पत्रकारिता का उद्देश्य सच्ची घटनाओं पर प्रकाश डालना है वास्तविकताओं को सामने लाना और इसके बावजूद यह आशा की जाती है कि एक पत्रकार इस तरह कार्य करें कि बहुजन हिताय की भावना सिद्ध हो महात्मा गांधी के अनुसार पत्रकारिता के तीन मुख्य उद्देश्य हैं! पहला जनता के विचारों और इच्छाओं को समझना और उन्हें व्यक्त करना और दूसरा जनता में वांछनीय भावनाएं जागृत करना और तीसरा उद्देश्य सर्वजनिक दोषों को नष्ट करना है! महात्मा गांधी के तीन उद्देश्य पर अगर गौर किया जाए तो यह पता चलता है कि पत्रकारिता का वही काम है !जो कि एक समाज सुधारक का होता है पत्रकार नई खबरें देता है ! लेकिन इतने में संतुष्ट नहीं होता वाह घटनाओं और नई बातों और नई जानकारियों की भी व्याख्या करने का प्रयास करता है! घटनाओं के कारण और उनकी प्रतिक्रियाएं और घटनाओं की अच्छाइयां और उनकी बुराइयों की भी विवेचना करता है अर्थात पत्रकार समाज में एक अहम भूमिका निभाता है ! पत्रकार को किसी भी मामले में शब्दों को हृदय से नहीं लिखना चाहिए बल्कि सारी योजनाओं को जानने के बाद शब्दों का सटीक इस्तेमाल किया जाना चाहिए ! यदि एक पत्रकार शब्दों का इस्तेमाल अपने हृदय से करता है तो वह बहुत ही कम समय में पत्रकारिता के मार्ग मार्ग से भटक जाता है ! जो पत्रकार सिर्फ खबरें ही लेना चाहते हैं!  खबरें ही देना चाहते हैं वह भी अधिक वक्त तक पत्रकारिता के मार्ग पर टिक नहीं पाते क्यों की खबरें देना और खबरें लगवाना ही पत्रकारिता की भूमिका नहीं होती बल्कि उन खबरों की प्रतिक्रियाओं को उनकी अच्छाइयों और बुराइयों की विवेचना करना ही अहम भूमिका होती है!


लुकमान रजा 


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