लोनी में करोड़ों के भ्रष्टाचार पर राजनीति
गाजियाबाद,लोनी! राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है, जो इसकी उचित समझ रखते हैं वह भी और जो समझ नहीं रखते हैं,दोनों ही बेचैन रहते हैं! रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ अपनी नीतियों पर काम करता रहता है! और लंबे समय तक गुमनाम भी बना रहता है !
हाल-फिलहाल स्थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा के बीच होने वाली रस्सा-कशी की धमक दूर-दूर तक सुनी जा सकती है ! विधायक राज्य सरकार की नीतियों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्य कर रहे हैं! वही भ्रष्टाचार में लिप्त और बलात्कार के आरोपों से घिरे मनोज धामा अभी भी पलटवार करने की स्थिति में नहीं है ! भ्रष्टाचार की जिला स्तर पर जांच हो चुकी है !लेकिन अभी तक न्यायिक प्रक्रिया का प्रारंभ न होना मनोज धामा के विपक्षियों के मुंह पर करारा तमाचा है! जनता भी मामले को समझने का प्रयास कर रही है ! क्योंकि जनता की नजर के सामने ही सबको अपने कर्मों का फल भोगना होगा! जनता यह भी जान चुकी है कि हमाम में सब के सब नंगे हैं!
भाजपा के एकछत्र शासन में यह घिनौना अपराध होने से भाजपा की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह अंकित अवश्य होता है! भाजपा की विचारधारा को विक्षोभित करने का काम किसका है? वह तीसरा शख्स कौन है? जनता के लिए यह उत्सुकता का विषय है! इसलिए जनता को यह जान लेना चाहिए ! यह राजनीतिक प्रपंच अधिशासी-अधिकारी शालिनी गुप्ता के द्वारा ही रचा गया है! विधायक और पूर्व चेयरमैन को 'आंगन टेढ़े वाला नाच' खूब नचाया गया है! हालांकि,अब सभी लोग कुछ-कुछ समझ रहे हैं ! बाकी समझने का प्रयास भी कर रहे हैं ! घर का भेदी लंका ढाए यह कहावतअधिशासी-अधिकारी पर चरितार्थ होती है! मनोज धामा की छवि को खराब करने में अधिशासी-अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ! जिससे मनोज धामा की काली करतूतों का चिट्ठा जनता के सामने दर-परत-पर खुल रहा है !अधिशासी-अधिकारी के राजनीतिक अनुभव से स्थानीय नेताओं को कम से कम कुछ तो सीख लेनी चाहिए!
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