एक ही फार्म पर निकाली जा रही अलग अलग नंबर की गाड़ियां
गर्मी खनन माफियाओं के लिए बनी तोहफा
- अफसर नहीं निकल रहे ऑफिस से बाहर
- खनन माफियाओं की आई मौज
- जमकर हाे रही ओवरलाेडिंग और धांधलेबाजी
सहारनपुर। ''गर्मी'' आम आदमी के लिए भले ही परेशानी का कारण बन रही हो, लेकिन खनन माफियाओं के लिए यह सौगात लेकर आई है। इसका बड़ा कारण यह है कि गर्मी में अफसर अपने दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रहे और इसका सीधा फायदा खनन माफियाओं को मिल रहा है। खनन सामग्री के परिवहन में जमकर धाधलेबाजी की जा रही है और सरकार काे राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
इसका खुलासा हाल ही में सामने आए 'सी' फार्म में हुआ है। एक ही फार्म पर दाे-दाे ट्रक भरे गए हैं। यह घाैटाला सामने आने के बाद साफ हाे गया है कि सहारनपुर में एक ही 'सी' फार्म पर एक से अधिक वाहनाें में खनन सामग्री का परिवहन किया जा रहा है। यह खुलासा तब हुआ जब एक ही सीरीज के दाे फार्म पर अलग-अलग वाहनाें के नंबर मिले। यह खेल सामने आने के बाद खनन विभाग के अधिकारियाें की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हाे गए हैं।
क्या कहते हैं खनन अधिकारी
जिला खनन अधिकारी पंकज कुमार ने भी इस धांधली के सामने की पुष्टि की है। यह अलग बात है कि उन्हाेंने इस मामले काे लेकर कैमरे के सामने कुछ भी बाेलने से इंकार कर दिया लेकिन उन्हाेंने बातचीत में यह माना कि एक ही फार्म पर एक से अधिक वाहन से खनन सामग्री ढुलाई का करने की धांधली सामने आई है। पूछने पर उन्हाेंने बताया कि फिलहाल दाेनाें ही वाहनाें पर जुर्माना लगाया गया है और अन्य वाहनाें की जांच कराए जाएगी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह कार्य कितने लंबे से किया जा रहा था और इससे कितना बड़ा नुकसान सरकार काे हाे रहा हाेगा ? इन सभी सवालाें के जवाब मिलने अभी बाकी हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला, दरअसल क्रेशराें पर भंडारण उठान के लिए खनन विभाग की ओर से एक सी फार्म दिया जाता है। इस फार्म की तीन कॉपियां हाेती हैं। एक कॉपी खनन विभाग में रहती है। दूसरी कॉपी क्रेशर पर रहती है और तीसरी कॉपी वाहन के साथ रहती है। खनन विभाग से जुड़े सूत्राें के अऩुसार सहारनपुर में अब यह खेल चल रहा है कि जाे कॉपी क्रेशर के पास रहती है उस पर गाड़ी का नंबर नहीं डाला जाता और बाद में उसी कॉपी काे अन्य किसी दूसरे वाहनाें काे दे दिया जाता है। इस तरह एक ही फार्म पर दाे-दाे गाड़िया निकलवा दी जाती है।
खनन विभाग की कार्यप्रणली पर खड़े हुए सवाल
क्रेशराें काे भंडारण उठाने के लिए जारी किए फॉर्म काे लेकर खनन विभाग की नीयत पर भी सवाल खड़े हाे गए हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि क्रेशराें काे बगैर उनके भंडारण चेक किए ही भंडार से संबंधित फार्म दे दिए गए हैं।न नियमाें के अनुसार किसी क्रशर काे उतने ही फॉर्म दिए जा सकते हैं जितना क्रेशर में भंडारण हाेगा लेकिन यहां सहारनपुर में खनन विभाग से बगैर भंडारण चेक किए ही फॉर्म बुक दे दी गई हैं। ऐसे में आशंका यह है कि जिन क्रेशराें के पास भंडारण नहीं है उन्हे भी वह फार्म मिल गए हैं और ऐसे में वह क्रेशर खुदाई करकेे भंडारण फार्म पर खनन सामग्री का परिवहन कर रहे हैं। जब इस बारे में खनन अधिकारी से बात की गई ताे उन्हाेंने यही कहा कि क्रशराें का भंडारण चेक किया गया है। जिन क्रेशराें का भंडारण चेक नहीं हुआ है उनका किया जा रहा है।
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