नई दिल्ली ;- सोमवार यानि की कल नया महीना शुरु हो जाएगा। नए महीने 1 जुलाई से भारत में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इस बदलावों तथा नए नियमों से आप और आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से जहां एक ओर आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा गया, तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। आपको बता दें कि कल से बैंक के कई नियम बदलने जा रहे है। इसका आपकी जेब और जिंदगी पर सीधा असर होगा। RBI ने ऑनलाइन पैसों के लेनदेन से जुड़े नियम बदल दिए हैं जो कि एक जुलाई से लागू होंगे। वहीं, रसोई गैस की कीमतें तय होंगी। साथ ही छोटी बचत योजनाओं की नई दरें लागू होंगी।माना जा रहा है कि ब्याज दरें घट सकती हैं। ऐसे में आपके जमा पर मुनाफा घट गया है। आइए जानें ऐसी कौन सी चीजें है जो 1 जून से बदलने जा रही हैं। रसोई गैस सिलेंडर के दाम में होगा बदलाव!
एक जुलाई से रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव होगा। रसोई गैस सिलेंडर का दाम बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है। इस बदलाव से आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। एक जून को सरकारी सेक्टर की तेल कंपनियों ने रसोई गैस के दामों में सब्सिडी और बिना-सब्सिडी के सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की थी। जून में बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये का इजाफा हुआ था, जिसके बाद दिल्ली में सिलेंडर की नई कीमत 737.50 रुपये, मुंबई में 709.50 रुपये, कोलकाता में 763.50 रुपये और चेन्नई में 753 रुपये हो गई थी। वहीं सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में 1.23 रुपये की वृद्धि हुई थी, जिसके बाद दिल्ली में सिलेंडर की कीमत 497.37 रुपये, कोलकाता में 500.52 रुपये, मुंबई में 495.09 रुपये और चेन्नई में 485.25 रुपये हो गई थी। रेपो रेट से लिंक होगे होम लोन, देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। बैंक ने कहा है कि अब होम लोन को रेपो रेट से लिंक किया जाएगा। इस संदर्भ में बैंक ने बयान जारी करते हुए कहा कि वो अब रेपो रेट के आधार पर अपने होम लोन की पेशकश करेंगे और यह सुविधा एक जुलाई से शुरू होगी। बैंक के इस कदम का असर 42 करोड़ ग्राहकों पर पड़ेगा, जिन्होंने होम लोन लिया हुआ है। अब जब भी आरबीआई अपने रेपो रेट में बदलाव करेगा, उसका असर तुरंत होम लोन पर भी पड़ेगा।अगर केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की, तो फिर एसबीआई भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा। छह जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये होने वाला लेन-देन के निशुल्क कर दिया था। अब केंद्रीय बैंक ने घोषणा की यह नियम एक जुलाई से लागू होगा। अब यह हुई ब्याज दर, आरटीजीएस और एनईएफटी करने पर बैंक ग्राहकों से चार्ज वसूलते हैं। ऐसे में ग्राहकों के खाते से अतिरिक्त राशि कटती है। हालांकि अब एक जुलाई से बैंकों को आरबीआई के नियम का पालन करना पड़ेगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा। सरकार ने एनएससी (NSC) और पीपीएफ (PPF) सहित सभी छोटी बचत योजनाओं पर जुलाई से सितंबर की तिमाही में ब्याज दरों में 0.1 फीसदी की कटौती की है। इस फैसले का मकसद रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दरों को कम करके बैंकिंग सेक्टर के अनुरूप बनाना है। आरबीआई इस साल तीन बार पॉलिसी रेट में कमी कर चुका है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को बैंकिंग सेक्टर के अनुरूप करने के लिए सरकार ने ब्याज दरें घटाई हैं। 2019-20 की दूसरी तिमाही के लिए जारी वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक पीपीएफ और एनएससी में सालाना ब्याज आठ फीसदी की जगह 7.9 होगी। वहीं, 113 महीने में परिपक्व होने पर किसान विकास पत्र 7.6 फीसदी ब्याज मिलेगा। अभी 112 महीने में परिपक्व होने पर 7.7 फीसदी ब्याज मिलता है।
राजेश राणा
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