क्या देश का चौथा स्तम्भ पत्रकार सुरक्षित हैं ?
क्या देश के चौथे स्तम्भ को स्वतन्त्र रूप से अपने कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता है ?
देश के समस्त पत्रकारों के लिये एक बिचारणीय प्रश्न ?
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले वर्ग पर निरन्तर हो रहे प्राणघातक हमलो और निर्भीक कलमकारों की असामायिक हत्याकांडों या उत्पीड़न शोषण पर जनता और सरकारें मौन क्यों ?अपनी हर छोटी बड़ी समस्याओं, पानी, बिजली, अवैध कब्जों, भ्रष्टाचार, गुन्डों की दबंगई, प्रशासन की अनदेखी पर पत्रकारों की ओर देखता समाज का हर वर्ग उसी पत्रकार की उत्पीड़न पर मौन क्यों ?विभागीय भ्रष्टाचार और काले कारनामों को उजागर करने पर झूठे मुकदमों का सामना करने और दबंग माफियाओं के अवैध खनन या कब्जे आदि का कवरेज कर उनसे टकराने, यहाँ तक कि शासन-प्रशासन और सरकारों के काले चिट्ठे परत-दर-परत जनता के सामने खोलने वाले इलेक्ट्रॉनिक, प्रिन्ट मीडिया के पत्रकारों की क्रूर हत्याओं उत्पीड़न जैसी गंभीर समस्या पर संनाटा आखिर कबतक ? इतने लम्बे समयान्तराल से प्रदेश में सत्तारूढ़ रहने के बाद भी यदि एक मीडियाबन्धु की पुलिस और माफिया के अनैतिक गठजोड़ द्वारा षडयंत्र के तहत हत्या उत्पीड़न होना प्रदेश सरकार की असफलता नहीं तो और क्या कहा जायेगा ? पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाला हर पत्रकार अपने परिवार और अपनी चिंता छोड़ अपने कर्तब्यों का निर्वाहन करने के लिये प्रति पल जान हथेली
वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
भारतीय मीडिया फाउंडेशन
मनवीर सिंह शर्मा उर्फ
राजा भैया
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.