दिल की बीमारी में बचाव भी एक उपचार है:डा. सिंघल
भीलवाड़ा ! आज के दौर की दिनचर्या,खानपान और लाइफ स्टाईल ने दिल के मरीजों की संख्या बढा रखी है। बचाव के तरीके अपना कर इस रोग से बचा जा सकता है।योग से भी ह्रदयरोग में कुछ हद तक हेल्प मिलती है।
जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में हॉर्ट चिकित्सक डा.अमित सिंघल ने यह बात भीलवाड़ा के कृष्णा हॉस्पिटल में कैम्प के दौरान कही।हर माह के तीसरे गुरुवार को यहां हॉर्ट पेशेंट्स का उपचार कर रहे डा.सिंघल ने सोश्यल मीडिया पर वायरल वीडियो, जिसमें कुछ बड़े हॉर्ट सेंटरों पर पांच हजार रू.में ब्लाकेज निकाले जाने के बारे में स्पष्ट किया कि हॉर्ट पेशेंट्स कई तरह के सामने आते हैं।
युवाओं में पतले खून के थक्के 'थ्रोमबस्टर' से निकालने के बाद भी 'स्टेंट'की जरूरत होती है।कॉर्डियोलॉजिस्ट तय करता है,पेशेंट के लिए ठीक क्या है। हॉर्ट पेशेंट के लिए जरूरी है कि वो अपने कॉर्डियोलोजिस्ट की सलाह पर चले,खानपान में संतुलन,नियमित दवाओं के सेवन और हल्के व्यायाम द्वारा सामान्य जिंदगी जी सकता है।
इसे दिल है छोटा सा,छोटी सी आशा.. या दिल का हाल सुने दिल वाला.. की तरह समझने की जरूरत है।
अशोक जैन
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