अवैध बजरी खनन का खेल....
कहीं भी कोई भी अतिक्रमण अपने बलबूते पर नहीं करता, राजस्थान में अवैध खनन का खेल भी इसी तर्ज पर चलता है। "प्रशासन की शह पर यह सब होता है।" नीचे से ऊपर तक हिस्सेदारी का खेल विचित्र है!
जयपुर पीपलू थाने के थाना प्रभारी विजेन्द्र सिंह गिल अाैर कांस्टेबल कैलाश चाैधरी द्वारा बजरी से भरे ट्रकाें से तीन तीन हजार रुपए की वसूली का खेल दाे माह से कर रहे थे। वसूली के खेल का मामला चार दिन पहले ही एसीबी के पास पहुंचा। तीन दिन मेें ही पूरा ताना बाना बुनकर एसीबी ने वसूली के खेल काे उजागर किया। मगर एसीबी तक मामला पहुंचने का किस्सा भी बड़ा राेचक है। शिकायतकर्ता वसूली की शिकायत हर बार पुलिस अधीक्षक काे फाेन पर करता था। एसपी तत्काल ही थाने में फाेन कर कारवाई के निर्देश देते थे और थाने की पुलिस औपचारिक कारवाई कर लाैट आते थे। चार दिन पहले बजरी से भरे ट्रक ने शिकायतकर्ता काे टक्कर मार दी। मामला खोलने के लिए 18 हजार खर्च किए पीड़ित ने !
शिकायतकर्ता ने तत्काल ही पीपलू थाना प्रभारी काे फाेन कर ट्रक के बारे में बताया अाैर कहा कि ट्रक में बजरी भरी है और ट्रक चालक उसकी बाइक के टक्कर मारकर गाड़ी काे भगा ले गया है। शिकायत सुनकर उल्टे थाना प्रभारी विजेन्द्र सिंह ने शिकायतकर्ता काे ही डांटा और कहा कि सड़क तेरे बाप की है क्या, ट्रक ताे चलेंंगे, तू बाइक सही चला। थाना प्रभारी की इसी डांट के बाद शिकायकर्ता ने ठान लिया कि वसूली की इस गैंग का खुलासा करना है। इसके लिए शिकायकर्ता ने करीब 18 हजार रुपए भी खर्च कर दिए। आखिर में एसीबी की कारवाई के बाद थाना प्रभारी फरार हाे गया।
6000 घूस देकर सिपाही को पकड़वाया शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपने स्तर पर जांच की ताे पता चला कि कांस्टेबल कैलाश चाैधरी ट्रक चालकाें से वसूली करता है। उसकी पूरी रैकी करने के बाद टाेंक एसीबी अाफिस में गया। जहां पूरी बात बताई। इसके बाद वसूली के खेल काे खाेलने का ताना बाना बुना गया। अफसराें ने कहा कि पहले कांस्टेबल काे गाड़ियां पास करवाने की एवज में रुपए दाे। तब वह कांस्टेबल के पास गया अाैर बताया कि उसकी दाे गाड़ियां चलती है। अब रूट बदल गया है। पीपलू सर्किल के कितने पैसे देने हाेंगे। कांस्टेबल ने तीन तीन हजार रुपए के हिसाब से छह हजार मांगे। कई बार कहने पर भी एक रुपए भी कम नहीं किया। कांस्टेबल ने छह हजार रुपए ले लिए। ये सारी बातें एसीबी की ओर से दिए गए टेपरिकार्डर में टेप हाे गई। टेप हुुई पूरी बात सुनने के बाद एसीबी की टीम तैयार हुई और अगली रात काे जाल बिछाया गया। एसएचओ ने कहा-आपके पास 71 ट्रकाें के रुपये हैंकारवाई के बाद कांस्टेबल ने रुपए थाना प्रभारी के लिए लेने की बात कही। एसीबी ने थाना प्रभारी से बात करने के लिए कहा। कांस्टेबल ने वाट्स एप काॅलिग की तो एसएचओ ने कहा-आपके पास तो 71 ट्रकों के रुपये हैं।
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