मंगलवार, 14 मई 2019

852 करोड ,मे अजमेर से जयपुर जाएगा पानी


अजमेर का बचा कुचा पानी जयपुर जाने वाला है और अजमेर की राजनैतिक जमात मौन 
बीसलपुर से अजमेर का पानी जयपुर भेजने हेतु 852 करोड़ की योजना


 


 अजमेर  ! जिला जल समस्या से जूझ रहा है। जिस तरफ देखो पानी के लिए लोगों की तड़प खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस के अपने ही पदाधिकारी जल समस्या को लेकर लोगों की शिकायतें सुन सुन कर परेशान है। कोई विरोध के तो कोई सेवा के रास्ते जल समस्या का समाधान करने में लगा हुआ है । वहीं दूसरी ओर कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार ने, 11 मई को जयपुर की जल समस्या सुलझाने के चक्कर में, कुछ ऐसे फैसले ले डाले हैं। जिसके चलते आने वाले समय में अजमेर जिले की जल समस्या और विकराल रूप धारण कर सकती है । आपको बता दें कि - जयपुर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने जयपुर शहर में बेहतर जल आपूर्ति के लिए 400 नलकूपों का निर्माण कर 40 एमएलडी पानी उपलब्ध करवाने की बात कही है। साथ ही बीसलपुर बांध से अजमेर और टोंक तथा जवाई बांध से पानी जयपुर जिले को उपलब्ध कराने की कार्य योजना पर सरकार काम करने जा रही है। जिसके लिए 852 करोड रुपए की योजना की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है ।
अब बताइए यह हालत है। और ऐसे हाल में अजमेर की जनता आखिर इस राजनीतिक जमात पर विश्वास करें तो कैसे ?जिसके लोकसभा प्रत्याशि चुनाव प्रचार के चलते जलापूर्ति के बड़े-बड़े वादे करते हुए दिखाई दे रहे थे। अजमेर में पार्टी चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों को ही केवल वोटर का वोट लेने से मतलब दिखाई देता है । चलिए प्रत्याशी का तो चुनाव प्रचार के दौरान सबसे बड़ा सिरदर्द यही होता है कि , कैसे भी करके अपने राजनीतिक दल को सीट जीत कर दे दे। तो बेचारे दोनों प्रत्याशी चुनाव के दौरान अजमेर वासियों को चांद तारे तोड़ कर लाने जैसी बातें करते दिखाई दे रहे थे। परंतु कम से कम भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के संगठनों की तो यह जिम्मेदारी बनती है की वह इस बात पर अपना मुखर विरोध दर्ज कराएं । हालांकि विरोध दर्ज कराने से किस सरकार को कितना असर पड़ता है ,यह सब हम गुजरे कल में अच्छी तरह देख चुके हैं । परंतु ऐसे मौकों पर अपना मत व्यक्त करना एक राजनेता के लिए मेरे ख्याल में बहुत जरूरी है। जो कि दोनों ही राजनीतिक दल अब तक नहीं कर रहे हैं। इससे जनता की समस्या कितनी हल होती है या कितनी हल नहीं होती ,यह तो बाद की बात है । *लेकिन इससे राजनीति क्षेत्र में काम कर रहे हैं इन नेताओं के चाल और चरित्र का पर्दाफाश जरूर होता है । जिससे शहर का आम आदमी बड़े आराम से इस खोखली राजनीतिक जमात की असलियत को देख सकता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने अपने नजरिया से जयपुर की जलापूर्ति करना प्राथमिकता समझी होगी। क्योंकि वह खुद जयपुर में बैठते हैं ।और आए दिन रोज लगभग हर तीसरा मिलने वाला जल समस्या के बारे में उनसे बात करता है । परंतु अजमेर का क्या ? अजमेर का पानी ऐसी हालत में अगर बीसलपुर से जयपुर चला जाता है तो जल समस्या के निवारण हेतु जनता से चुनाव के दौरान किए हुए वादों का क्या ?
कुछ ऐसे ही सवाल आज हमने फोन पर अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन से पूछे। जिस पर जैन ने कहा कि - राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला उनके नजरिए से सही हो सकता है। परंतु अजमेर शहर का कांग्रेस कार्यकर्ता जिले की जल समस्या की लड़ाई लड़ने में पीछे नहीं रहेगा ।अपनी ही पार्टी की सरकार के सामने खड़े होकर यह काम विजय जैन कैसे करेंगे ? यह तो जैन ही जाने। परंतु फिर भी अपनी ही सरकार के अहम फैसले के सामने अपने जिले के हित की आवाज को इस तरह से पेश करने के लिए जैन वाकई साधुवाद के पात्र हैं। अब बस इंतजार है तो भाजपा की अजमेर इकाई की प्रतिक्रिया का, जो की अब तक तो इस मुद्दे पर बोलते हुए सुनाई नहीं दी है।



नरेश राघानी


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