खाद्य-आपूर्ति विभाग में गेंहू चोरी का मामला
करनाल! अब पता चला कि समझौता भी हो गया। इसमें कईं सवाल खड़े हो गए जिनके जवाब खाद्य-आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के पास नहीं हैं। तभी वो फोन नहीं उठाते ओर न ही किये गए मैसेज का जवाब देना ठीक समझते। अब यदि खाद्य-आपूर्ति विभाग का इंस्पैक्टर जसवीर ओर अन्य अधिकारी बिल्कुल ही पाक-साफ थे तो समझौता क्यो किया ? गेंहूँ कम था तो उसे पूरा क्या पानी से गिला कर किया गया ? या ऐसा कोई धर्म-कांटा है जहाँ कम हुआ गेंहूँ पूरा हो जाये तुलवाया गया ? क्या चंडीगढ़ में बैठे विभाग के ए सी एस से लेकर नीचे इन्सपैक्टर तक सभी भ्र्ष्टाचार में संलिप्त हैं ? जो कि गेंहूँ निकाला जा रहा है और वो उन्हें धृतराष्ट्र की तरह दिखाई नहीं दे रहा। आज के समय मे संजय तो है नहीं जो उन्हें वृतांत सुनाए पर कैमरे से जो दिखाई और सुनाई दे रहा है। उसके बाद भी चंडीगढ़ से लेकर करनाल तक के अफसर खामोश क्यों ? अब सभी चौकीदार कहाँ हैं। ओर क्यों चुप हैं ? सभी सवालों का पूरे विभाग के पास अब कोई जवाब नहीं। सभी ने अब मैं चुप रहूंगी कि फ़िल्म देख ली है। लाम्बा अनिल universalexpress.page
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